साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना (सेमेस्टर-5)
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Teach To India प्रकाशन
साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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यह मॉडल पेपर यह सुनिश्चित करता है कि सभी संभावित प्रश्न जो परीक्षा में आ सकते हैं, वे यूनिट में पूरी तरह से शामिल हैं, चाहे वे सीधे हों या अप्रत्यक्ष रूप से।
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इसे अनुभवी प्रोफेसरों द्वारा बहुत सावधानी से तैयार किया गया है, जिन्हें परीक्षा मॉडल पेपर बनाने का व्यापक अनुभव है।
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इस पेपर में विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर सभी मुख्य प्रश्न शामिल हैं।
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400 से अधिक प्रश्न और उत्तरों के साथ, यह मॉडल पेपर विषय का पूरा पाठ्यक्रम कवर करता है।
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प्रत्येक यूनिट में दीर्घ उत्तरीय ,लघु उत्तरीय और अति लघु उत्तरीय वाले प्रश्न शामिल हैं ताकि छात्रों को गहन समझ प्राप्त हो सके।
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हमारे प्रश्न इस तरह तैयार किए गए हैं कि प्रत्येक यूनिट को कम से कम और अच्छी तरह चुने हुए प्रश्नों से कवर किया जा सके।
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अनिवार्य आंतरिक परीक्षा के लिए हम 200 एक पंक्ति के प्रश्न-उत्तर प्रदान कर रहे हैं, जो प्रत्येक यूनिट को समान रूप से कवर करते हैं।
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इस मॉडल पेपर में मॉक प्रश्नपत्र / पिछले साल के प्रश्नपत्र भी हल के साथ दिए गए हैं, जिससे छात्रों को परीक्षा के प्रश्नों की गहराई और विस्तार को समझने में मदद मिलती है।
Programme /Class: Degree |
Year: Third |
Semester: Fifth |
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Major Course |
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Course Title: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना |
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Course outcomes: इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से विद्यार्थी साहित्यशास्त्र एवं आलोचना के अर्थ, महत्त्व और उनके विषय- क्षेत्र से परिचित हो सकेंगे तथा वे हिंदी आलोचना के रूप में भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र के आधुनिक विकास के विविध रूपों और दिशाओं का साक्षात्कार कर सकेंगे। |
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Credits: 5 |
Compulsory |
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Max. Marks: 25+75 |
Min. Passing Marks: 8+25 |
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Unit |
Topics |
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I |
भारतीय काव्यशास्त्र :
काव्य प्रयोजन,
काव्य लक्षण,
काव्य हेतु,
काव्य का स्वरूप |
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II |
भारतीय काव्य सिद्धांतः
अलंकार सिद्धांत,
रीति सिद्धांत,
रस सिद्धांत,
ध्वनि सिद्धांत,
वक्रोक्ति सिद्धांत,
औचित्य सिद्धांत. |
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III |
साहित्यशास्त्रीय अवधारणाएँ
काव्य रूप,
काव्य गुण,
काव्य दोष,
शब्द शक्ति. |
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IV |
नाट्य शास्त्र :
भारतीय नाट्यशास्त्र का सामान्य परिचय,
वृत्ति,
अभिनय,
रूपक,
कथा,
नेता या नायक,
नायिका,
रंगमंचीय विशेषताएँ. |
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V |
पाश्चात्य काव्याशास्त्रः
प्लेटो : काव्य सिद्धांत,
अरस्तू : अनुकरण सिद्धांत, विरेचन सिद्धांत,
वर्ड्सवर्थः काव्यभाषा सिद्धांत,
रिचर्ड्सः संप्रेषण सिद्धांत टी.एस. इलियटः निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत. |
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VI |
हिंदी आलोचना का इतिहास तथा सैद्धांतिकी : सामान्य परिचय
हिंदी आलोचना का विकास,
सैद्धांतिक आलोचना,
स्वछंदतावादी आलोचना,
मार्क्सवादी आलोचना,
मनोविश्लेषणवादी आलोचना. |
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VII |
समीक्षा की विचारधाराएँ: सामान्य परिचय
नई समीक्षा,
नवशास्त्रवाद,
यथार्थवाद,
अभिजात्यवाद और नव्य अभिजात्यवाद,
कलावाद,
बिबवाद,
प्रतीकवाद,
संरचनावाद तथा उत्तर संरचनावाद,
विखडन.
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VIII |
आलोचक एवं आलोचना दृष्टि : सामान्य परिचय
रामचंद्र शुक्ल : काव्य में लोकमंगल,
प्रेमचंद : साहित्य का उद्देश्य,
हजारीप्रसाद द्विवेदी : आधुनिक साहित्य-नई मान्यताएँ,
डॉ. नगेंद्र : मेरी साहित्यिक मान्यताएं,
रामविलास शर्माः तुलसी साहित्य में सामंत विरोधी मूल्य,
नामवर सिंह : कहानी : नई और पुरानी,
मुक्तिबोध : नई कविता का आत्मसंघर्ष. |
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1यूनिट-1: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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2यूनिट-2: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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3यूनिट-3: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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4यूनिट-4: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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5यूनिट-5: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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6यूनिट-6: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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7यूनिट-7: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना
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8यूनिट-8: साहित्यशास्त्र और हिंदी आलोचना