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Course: Geography of India - भारत का भूगोल – Adv
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Geography of India - भारत का भूगोल – Adv

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Unit 1: Hindi Summary – Geography of India

परिचय

भारत, एशिया महाद्वीप का एक विशाल देश है, जो अपनी अद्वितीय भौगोलिक विशेषताओं और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इसका भौगोलिक स्थान, भौतिक संरचना, नदी प्रणालियाँ, भू-आकृतिक क्षेत्र, और सांस्कृतिक विविधता इसे एक विशेष राष्ट्र बनाते हैं।

1. भारत और पड़ोसी देशों के साथ स्थानिक संबंध (Spatial Relationship of India with Neighboring Countries)

भारत का स्थान और सीमाएँ

भारत 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।

इसका कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश बनाता है।

भारत की स्थलीय सीमा 15,200 किमी लंबी है और तटरेखा 7,516.6 किमी फैली हुई है।

भारत के पड़ोसी देश

भारत उत्तर में हिमालय और तीन दिशाओं में महासागर से घिरा हुआ है। इसके 7 पड़ोसी देश हैं:

1.      पाकिस्तान – पश्चिम में स्थित, मुख्य व्यापारिक और राजनीतिक संबंध।

2.    चीन – उत्तर में स्थित, व्यापारिक और रणनीतिक महत्व।

3.    नेपाल – उत्तर में स्थित, ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध।

4.    भूटान – उत्तर-पूर्व में स्थित, सामरिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण।

5.    बांग्लादेश – पूर्व में स्थित, ऐतिहासिक और व्यापारिक संबंध।

6.    म्यांमार – पूर्व में स्थित, व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क।

7.     श्रीलंका – दक्षिण में स्थित, समुद्री मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ।

भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का महत्व

1.      सुरक्षा और रक्षा संबंध – भारत की सीमाएँ कई देशों से मिलती हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण बन जाती है।

2.    व्यापार और आर्थिक सहयोग – भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ आयात-निर्यात और व्यापारिक साझेदारी करता है।

3.    सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध – नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध गहरे हैं।

4.    भू-राजनीतिक रणनीतियाँ – भारत का रणनीतिक स्थान इसे एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक केंद्र बनाता है।

2. भारत की भौतिक संरचना और स्थलरूप (Structure and Relief of India)

भारत की भौतिक संरचना बहुत विविध है और इसे पाँच प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है:

(i) हिमालयी पर्वत (Himalayan Mountains)

यह भारत के उत्तर में स्थित है और विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है।

यह तीन प्रमुख भागों में विभाजित है:

1.      ग्रेट हिमालय (Greater Himalayas या हिमाद्रि) – यहाँ माउंट एवरेस्ट (8,848 मी), कंचनजंगा (8,586 मी) स्थित हैं।

2.    मध्य हिमालय (Middle Himalayas या हिमाचल) – यहाँ पर्वतीय शहर जैसे शिमला, मसूरी, नैनीताल स्थित हैं।

3.    शिवालिक (Shivalik Hills) – सबसे निचला क्षेत्र, जिसमें घने जंगल हैं।

(ii) उत्तरी मैदान (Northern Plains)

यह गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी द्वारा निर्मित विशाल मैदान है।

यह दुनिया के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है और यहाँ घनी जनसंख्या निवास करती है।

(iii) प्रायद्वीपीय पठार (Peninsular Plateau)

यह प्राचीन चट्टानों से बना हुआ एक उच्च भूमि क्षेत्र है।

प्रमुख उपविभाग:

·         मालवा और छत्तीसगढ़ पठार (उत्तर)

·         दक्कन पठार (मध्य और दक्षिण)

·         पश्चिमी और पूर्वी घाट (समुद्री किनारों पर)

(iv) तटीय मैदान (Coastal Plains)

भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के साथ फैले मैदान।

पश्चिमी तटीय मैदान – कोंकण, कन्नड़ और मालाबार तट।

पूर्वी तटीय मैदान – उड़ीसा, आंध्र और कोरोमंडल तट।

(v) थार मरुस्थल और द्वीप समूह (Thar Desert and Islands)

थार मरुस्थल – राजस्थान में स्थित, रेत के टीलों और शुष्क जलवायु के लिए प्रसिद्ध।

अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप – समुद्री जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण।

3. भारत की नदी प्रणालियाँ और जल विभाजक (Drainage System and Watersheds)

(i) हिमालयी नदियाँ (Himalayan Rivers)

ये नदियाँ बर्फ से पोषित होती हैं और पूरे वर्ष जल प्रवाह बनाए रखती हैं।

प्रमुख नदियाँ: गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु।

(ii) प्रायद्वीपीय नदियाँ (Peninsular Rivers)

ये वर्षा जल पर निर्भर होती हैं और अधिकतर ऋतु आधारित (Seasonal) होती हैं।

प्रमुख नदियाँ: नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी।

(iii) जल विभाजक (Watersheds)

भारत में प्रमुख जल विभाजक विंध्य, सतपुड़ा, पश्चिमी और पूर्वी घाट हैं।

जल विभाजक नदियों की दिशा और उनके बहाव को प्रभावित करते हैं।

4. भारत के भू-आकृतिक क्षेत्र (Physiographic Regions of India)

भारत को पाँच प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया है:

1.      उत्तर के पर्वतीय क्षेत्र – हिमालय, अरावली, विंध्याचल पर्वत।

2.    उत्तर के मैदानी क्षेत्र – गंगा-ब्रह्मपुत्र मैदान, सिंधु बेसिन।

3.    प्रायद्वीपीय पठार – दक्कन, मालवा और छत्तीसगढ़ पठार।

4.    तटीय क्षेत्र – पश्चिमी और पूर्वी तटीय क्षेत्र।

5.    मरुस्थलीय क्षेत्र – थार मरुस्थल।

5. विविधता में एकता (Unity in Diversity in India)

(i) भौगोलिक विविधता

हिमालय से लेकर तटीय मैदानों तक, भारत का प्राकृतिक परिदृश्य अत्यंत विविध है।

(ii) भाषाई विविधता

भारत में 22 आधिकारिक भाषाएँ और 1600 से अधिक बोलियाँ बोली जाती हैं।

(iii) सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता

हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन जैसे विभिन्न धर्म सह-अस्तित्व में हैं।

(iv) “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना

यह सरकार की पहल है, जो राज्यों को सांस्कृतिक और आर्थिक साझेदारी से जोड़ती है।

इसका उद्देश्य भारत की विविधता में एकता को बढ़ावा देना है।

निष्कर्ष

भारत एक विविधतापूर्ण लेकिन एकीकृत राष्ट्र है। इसकी भौगोलिक संरचना, नदी प्रणाली, जल विभाजक और सांस्कृतिक विविधता इसे एक अद्वितीय देश बनाते हैं। “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की अवधारणा इस विविधता को एकता में बदलने का प्रयास करती है, जिससे भारत की शक्ति और समृद्धि को बढ़ावा मिलता है।

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