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Course: Tourism and Travel Management - पर्यटन ए...
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Unit 1: Hindi Summary – Tourism and Travel Management

परिचय (Introduction)

पर्यटन (Tourism) और यात्रा (Travel) आधुनिक विश्व में सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण घटक हैं। पर्यटन न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह देशों की अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रोजगार सृजन का एक प्रमुख स्रोत भी है। यह उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।

इस अध्याय में हम पर्यटन की परिभाषा, उद्देश्यों, प्रकृति, वर्गीकरण और विकास के विभिन्न चरणों का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा, पर्यटन के विभिन्न रूपों (आंतरिक, बाह्य, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) पर भी चर्चा करेंगे।

1. पर्यटन की परिभाषा और अर्थ (Meaning and Definitions of Tourism)

पर्यटन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग अपने सामान्य वातावरण (Regular Environment) से बाहर निकलकर एक विशिष्ट समय के लिए किसी अन्य स्थान की यात्रा करते हैं। यह यात्रा अवकाश, व्यवसाय, शिक्षा, सांस्कृतिक अध्ययन या किसी अन्य उद्देश्य के लिए हो सकती है।

पर्यटन की प्रमुख परिभाषाएँ (Key Definitions of Tourism)

1.        विश्व पर्यटन संगठन (WTO) के अनुसार:
“पर्यटन में वे सभी गतिविधियाँ शामिल हैं जो व्यक्ति अपने निवास स्थान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने और रहने के दौरान करते हैं, आमतौर पर 24 घंटे से कम या एक वर्ष से अधिक नहीं।”

2.      हर्मन वॉन शुलर (Herman Von Schullard):
“पर्यटन लोगों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक संवाद का एक माध्यम है, जो एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा के माध्यम से होता है।”

3.      मैकिंटोश और गोएल्डनर (McIntosh & Goeldner):
“पर्यटन उन सभी गतिविधियों और सेवाओं का समावेश करता है जो यात्री अपनी यात्रा के दौरान अनुभव करते हैं।”

इन परिभाषाओं के अनुसार, पर्यटन केवल यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलू जुड़े होते हैं।

2. यात्री, भ्रमणकारी और पर्यटक की परिभाषाएँ (Definitions of Traveler, Excursionist, and Tourist)

(i) यात्री (Traveler)

यात्री वह व्यक्ति होता है जो एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करता है। यह यात्रा किसी भी उद्देश्य से हो सकती है, जैसे व्यापार, शिक्षा, अवकाश, धार्मिक या व्यक्तिगत कारणों से।

(ii) भ्रमणकारी (Excursionist)

भ्रमणकारी वह व्यक्ति होता है जो किसी स्थान पर एक दिन से भी कम समय के लिए यात्रा करता है और रात बिताए बिना वापस लौट जाता है। इसे “दिवसीय पर्यटक (Same-day Tourist)” भी कहा जाता है।

(iii) पर्यटक (Tourist)

पर्यटक वह व्यक्ति होता है जो किसी नए स्थान पर कम से कम 24 घंटे और अधिकतम 1 वर्ष तक ठहरता है और उसकी यात्रा अवकाश, व्यवसाय, धार्मिक या सांस्कृतिक उद्देश्यों से संबंधित होती है।

3. पर्यटन के उद्देश्य (Objectives of Tourism)

पर्यटन के कई उद्देश्य हो सकते हैं, जो व्यक्ति की रुचि और यात्रा के कारणों पर निर्भर करते हैं।

प्रमुख उद्देश्य:

1.        मनोरंजन और विश्राम (Recreation & Leisure) – अधिकांश लोग तनाव दूर करने और आनंद प्राप्त करने के लिए यात्रा करते हैं।

2.      व्यवसाय और व्यापार (Business & Trade) – व्यावसायिक उद्देश्य से की जाने वाली यात्राएँ।

3.      धार्मिक और आध्यात्मिक (Religious & Spiritual) – धार्मिक स्थलों की यात्रा, जैसे कि चार धाम यात्रा, हज यात्रा आदि।

4.      शिक्षा और अनुसंधान (Education & Research) – छात्रों और शोधकर्ताओं द्वारा की गई यात्राएँ।

5.      स्वास्थ्य और चिकित्सा (Health & Medical Tourism) – चिकित्सा उपचार और योग-आयुर्वेदिक पर्यटन।

6.      सांस्कृतिक विनिमय (Cultural Exchange) – विभिन्न देशों और संस्कृतियों को जानने और समझने के लिए की गई यात्राएँ।

4. पर्यटन की प्रकृति (Nature of Tourism)

पर्यटन की प्रकृति बहुआयामी होती है और इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है:

(i) आर्थिक दृष्टिकोण (Economic Perspective)

पर्यटन एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है, जो रोजगार सृजन, विदेशी मुद्रा अर्जन और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देता है।

(ii) सामाजिक दृष्टिकोण (Social Perspective)

पर्यटन विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद स्थापित करता है, जिससे सामाजिक सामंजस्य और आपसी समझ बढ़ती है।

(iii) पर्यावरणीय दृष्टिकोण (Environmental Perspective)

पर्यटन का पर्यावरण पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होते हैं। सतत पर्यटन (Sustainable Tourism) पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित होता है।

5. पर्यटन का विकास और वृद्धि (Growth and Development of Tourism)

(i) प्राचीन काल (Ancient Period)

·       पर्यटन की शुरुआत प्राचीन काल में व्यापारिक यात्रा, धार्मिक तीर्थयात्राओं और सैन्य अभियानों से हुई।

·       रोम और ग्रीस में यात्रा का विकास हुआ और लोग शिक्षा और व्यापार के लिए यात्रा करने लगे।

(ii) मध्यकाल (Medieval Period)

·       इस काल में यात्रा के साधनों का विकास हुआ, लेकिन युद्धों और अस्थिर राजनीतिक परिस्थितियों के कारण पर्यटन सीमित रहा।

·       धर्मयात्राएँ और व्यापारिक यात्राएँ मुख्य रूप से प्रचलित थीं।

(iii) आधुनिक युग (Modern Period)

·       औद्योगिक क्रांति के बाद यात्रा के साधनों (रेलवे, जहाज, विमान) का विकास हुआ।

·       20वीं शताब्दी में पर्यटन उद्योग का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ।

6. पर्यटन के प्रकार (Forms of Tourism)

पर्यटन को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

(i) आगंतुक और निर्गमन पर्यटन (Inbound & Outbound Tourism)

1.        आगंतुक पर्यटन (Inbound Tourism) – जब विदेशी पर्यटक किसी देश में आते हैं, तो इसे आगंतुक पर्यटन कहते हैं। जैसे, भारत में आने वाले विदेशी पर्यटक।

2.      निर्गमन पर्यटन (Outbound Tourism) – जब किसी देश के निवासी किसी अन्य देश की यात्रा करते हैं, तो इसे निर्गमन पर्यटन कहते हैं।

(ii) घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन (Domestic & International Tourism)

1.        घरेलू पर्यटन (Domestic Tourism) – जब कोई व्यक्ति अपने ही देश में यात्रा करता है, तो इसे घरेलू पर्यटन कहा जाता है।

2.      अंतरराष्ट्रीय पर्यटन (International Tourism) – जब कोई व्यक्ति अपने देश के बाहर यात्रा करता है, तो इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कहते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारक भी शामिल होते हैं।

मुख्य सीख (Key Takeaways):

·       पर्यटन एक बहुआयामी अवधारणा है, जो व्यक्ति, समाज और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।

·       इसके कई उद्देश्य होते हैं, जैसे मनोरंजन, व्यापार, शिक्षा, धार्मिक यात्रा आदि।

·       यह उद्योग सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है और पर्यावरणीय प्रभावों को संतुलित करने की आवश्यकता है।

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