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Basic Research Methodology and Statistics - बुनियादी अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी – Adv

Summary and MCQs

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Unit 1: Hindi Summary – Basic Research Methodology and Statistics

मापन: मनोवैज्ञानिक मापन की प्रकृति और तराजू; मापन के गुण और कार्य

परिचय

मनोविज्ञान में मापन (Measurement) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति के व्यवहार, विचार, भावनाएँ, और मानसिक प्रक्रियाएँ मापी जाती हैं। चूँकि मनोवैज्ञानिक गुण सीधे नहीं देखे जा सकते, इसलिए मापन एक वैज्ञानिक विधि प्रदान करता है, जिससे मानसिक विशेषताओं को संख्या में व्यक्त किया जा सकता है। यह न केवल अनुसंधान के लिए बल्कि मनोवैज्ञानिक परीक्षणों और मूल्यांकन के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

इस अध्याय में हम मनोवैज्ञानिक मापन की प्रकृति, इसकी विभिन्न तराजू (Scales), इसके गुण (Properties), और मापन की विभिन्न कार्यप्रणालियों (Functions) का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

1. मनोवैज्ञानिक मापन की प्रकृति (Nature of Psychological Measurement)

मनोवैज्ञानिक मापन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति की मानसिक विशेषताओं या क्षमताओं को संख्यात्मक रूप में व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, बुद्धि (IQ), व्यक्तित्व के लक्षण, चिंता स्तर, और प्रेरणा जैसी अमूर्त विशेषताओं को मापने के लिए विभिन्न परीक्षण और तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

मापन के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

1.     अमूर्तता (Abstract Nature): मनोवैज्ञानिक विशेषताएँ प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखी जा सकतीं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न परीक्षणों और व्यवहारों के माध्यम से आंकी जाती हैं।

2.    आंकड़ों पर निर्भरता (Reliance on Data): मनोवैज्ञानिक मापन में आँकड़ों का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाला जाता है।

3.    सापेक्षता (Relativity): मनोवैज्ञानिक मापन अक्सर संदर्भ-आधारित होता है और यह विभिन्न व्यक्तियों और परिस्थितियों में भिन्न हो सकता है।

4.    संगति और वैधता (Reliability & Validity): किसी भी मनोवैज्ञानिक मापन की उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितनी बार सही परिणाम देता है (संगति) और क्या वह वास्तव में वही माप रहा है जिसे मापने के लिए डिजाइन किया गया है (वैधता)।

2. मनोवैज्ञानिक मापन के स्तर (Scales of Psychological Measurement)

सांख्यिकी में विभिन्न प्रकार के मापन स्तर होते हैं जो विभिन्न प्रकार के डेटा को प्रस्तुत करने और व्याख्या करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। स्टेवेन्स (S. S. Stevens) ने मापन को चार श्रेणियों में विभाजित किया है:

(i) नाममात्र मापन (Nominal Scale)

·       यह सबसे सरल मापन स्तर है जिसमें डेटा को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।

·       इसमें मात्र पहचान (Identification) होती है, कोई गणनात्मक मूल्य नहीं होता।

·       उदाहरण:

·       लिंग: पुरुष (1), महिला (2), अन्य (3)

·       पसंदीदा रंग: लाल, नीला, हरा

(ii) क्रमागत मापन (Ordinal Scale)

·       इसमें वस्तुओं को एक क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, लेकिन दो श्रेणियों के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से मापा नहीं जाता।

·       यह डेटा के बीच तुलना करने की सुविधा देता है।

·       उदाहरण:

·       परीक्षा में रैंक: प्रथम, द्वितीय, तृतीय

·       सेवा की संतुष्टि स्तर: बहुत अच्छा, अच्छा, औसत, खराब

(iii) अंतराल मापन (Interval Scale)

·       इसमें वस्तुओं के बीच का अंतर भी मापा जाता है, लेकिन इसमें एक वास्तविक शून्य बिंदु नहीं होता।

·       तापमान मापन (Celsius और Fahrenheit स्केल) इसका एक अच्छा उदाहरण है।

·       उदाहरण:

·       बुद्धि परीक्षण (IQ) स्कोर: 90, 100, 110, आदि

·       साल की तारीखें: 1990, 2000, 2010, आदि

(iv) अनुपात मापन (Ratio Scale)

·       इसमें अंतराल मापन के सभी गुण होते हैं, साथ ही इसमें एक वास्तविक शून्य बिंदु (True Zero Point) भी होता है।

·       यह सबसे अधिक परिशुद्ध मापन स्तर है क्योंकि इसमें अनुपात संबंधी तुलना की जा सकती है।

·       उदाहरण:

·       वजन (Kg में): 0, 10, 20, 30, आदि

·       प्रतिक्रिया समय (Reaction Time): 0 सेकंड, 1 सेकंड, 2 सेकंड, आदि

3. मापन के गुण (Properties of Measurement)

मनोवैज्ञानिक मापन में चार प्रमुख गुण होते हैं:

1. विश्वसनीयता (Reliability):

·       एक परीक्षण की सुसंगतता को इंगित करता है।

·       अगर कोई परीक्षण बार-बार एक ही परिणाम देता है, तो इसे विश्वसनीय कहा जाता है।

·       प्रकार:

1.     पुनर्परीक्षण विश्वसनीयता (Test-Retest Reliability)

2.    समतुल्य रूप विश्वसनीयता (Parallel-Forms Reliability)

3.    आंतरिक संगति (Internal Consistency)

2. वैधता (Validity):

·       परीक्षण वास्तव में वही माप रहा है जो उसे मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

·       प्रमुख प्रकार:

1.     प्रत्यक्ष वैधता (Face Validity)

2.    सामग्री वैधता (Content Validity)

3.    मान्यताप्राप्त वैधता (Criterion-Related Validity)

4.    निर्मिति वैधता (Construct Validity)

3. संवेदनशीलता (Sensitivity):

·       परीक्षण कितना सूक्ष्म अंतर को पकड़ सकता है।

·       यदि कोई परीक्षण अत्यधिक संवेदनशील है, तो वह छोटे-छोटे परिवर्तनों को भी माप सकता है।

4. व्यापकता (Generalizability):

·       परीक्षण के परिणामों को कितनी विविध स्थितियों और व्यक्तियों पर लागू किया जा सकता है।

4. मापन के कार्य (Functions of Measurement)

मनोवैज्ञानिक मापन का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है:

1. अनुसंधान में सहायता (Aid in Research):

·       वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान में डेटा एकत्र करने और विश्लेषण करने में मदद करता है।

2. नैदानिक मूल्यांकन (Clinical Assessment):

·       मानसिक विकारों और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं के निदान में उपयोगी।

3. शैक्षिक और व्यावसायिक मार्गदर्शन (Educational & Career Guidance):

·       छात्रों की क्षमताओं और रुचियों का आकलन करके करियर संबंधी निर्णय लेने में सहायता करता है।

4. कर्मचारी चयन (Employee Selection):

·       संगठनों में सही उम्मीदवारों का चयन करने के लिए विभिन्न परीक्षणों का उपयोग किया जाता है।

5. व्यक्तित्व मूल्यांकन (Personality Assessment):

·       व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष

मनोवैज्ञानिक मापन अनुसंधान, मूल्यांकन, और नैदानिक प्रक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मानसिक प्रक्रियाओं को संख्यात्मक रूप में प्रस्तुत करने और उनके गहन विश्लेषण में मदद करता है। सही मापन विधियों और तराजू के चयन से मनोवैज्ञानिक अध्ययन की सटीकता बढ़ती है और यह व्यावहारिक उपयोग के लिए अधिक प्रभावी बनता है।

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद छात्र मनोवैज्ञानिक डेटा को सही स्केलिंग विधियों पर रखने और विभिन्न प्रकार के परीक्षणों की आवश्यकता को समझने में सक्षम होंगे।

 

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