आर्थिक वनस्पति, लोक औषधि और पादप रसायन विज्ञान (B.Sc. स्तर) के लिए कोशिका जीवविज्ञान
परिचय
कोशिका जीवविज्ञान (Cell Biology) वनस्पति विज्ञान का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो कोशिकाओं की संरचना, कार्य और गुणसूत्रीय संगठन का अध्ययन करता है। कोशिका की अल्ट्रास्ट्रक्चर (Ultrastructure) को समझना, गुणसूत्रों (Chromosomes) की रासायनिक संरचना और कोशिका विभाजन (Cell Division) की प्रक्रिया को जानना आवश्यक है। साथ ही, आनुवंशिकी (Genetics) से संबंधित विभिन्न अवधारणाएँ जैसे मेंडल के सिद्धांत (Mendel’s Principles), साइटोप्लाज्मिक विरासत (Cytoplasmic Inheritance), लिंग-आधारित विरासत (Sex-Linked Inheritance), और उत्परिवर्तन (Mutation) की आणविक प्रक्रिया को समझना इस अध्ययन का अभिन्न भाग है।
कोशिका की अल्ट्रास्ट्रक्चर (Cell Ultrastructure)
कोशिका प्रत्येक जीव का आधारभूत संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती है। कोशिका को विभिन्न भागों में विभाजित किया जाता है, जिनमें से प्रमुख संरचनाएँ निम्नलिखित हैं:
1. कोशिका भित्ति (Cell Wall)
- केवल पौधों और कुछ प्रोकैरियोटिक (Prokaryotic) कोशिकाओं में पाई जाती है।
- मुख्य रूप से सेल्यूलोज (Cellulose), हेमीसेल्यूलोज (Hemicellulose) और पेक्टिन (Pectin) से बनी होती है।
- इसका कार्य कोशिका को सुरक्षा प्रदान करना, आकार बनाए रखना और आंतरिक भागों को समर्थन देना है।
2. प्लाज़्मा झिल्ली (Plasma Membrane)
- कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के विनिमय को नियंत्रित करती है।
- यह लिपिड द्विपरत (Lipid Bilayer) और प्रोटीन से बनी होती है।
- इसमें अंतःसक्रिय प्रोटीन (Integral Proteins) और परिधीय प्रोटीन (Peripheral Proteins) उपस्थित रहते हैं।
3. राइबोसोम (Ribosome)
- यह प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह दो उपइकाइयों से मिलकर बना होता है: 70S (प्रोकैरियोट्स में) और 80S (यूकैरियोट्स में)।
- यह कोशिका में मुक्त रूप से या एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम पर जुड़े हो सकते हैं।
4. एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum – ER)
- रूक्ष्म ER (Rough ER): इसमें राइबोसोम उपस्थित होते हैं, जो प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होते हैं।
- मृदु ER (Smooth ER): इसमें राइबोसोम नहीं होते और यह लिपिड संश्लेषण में सहायक होता है।
5. गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
- यह कोशिका में संश्लेषित प्रोटीन और लिपिड को पैक और परिवर्तित करता है।
- इसमें सिस्टरने (Cisternae) नामक चपटे, झिल्लीबद्ध थैले होते हैं।
- यह लाइसोसोम (Lysosome) निर्माण में सहायक होता है।
6. माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- इसे “कोशिका का ऊर्जा गृह” (Powerhouse of the Cell) कहा जाता है।
- इसमें ATP संश्लेषण (ATP Synthesis) की प्रक्रिया होती है।
- इसमें दोहरी झिल्ली होती है, जिसमें अंदर की झिल्ली पर क्रिस्टे (Cristae) नामक संरचनाएँ पाई जाती हैं।
7. प्लास्टिड (Plastid)
- यह केवल पौधों में पाया जाता है।
- तीन प्रकार के प्लास्टिड होते हैं:
· क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast): प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) में सहायक होता है।
· क्रोमोप्लास्ट (Chromoplast): वर्णक (Pigment) प्रदान करता है।
· ल्यूकोप्लास्ट (Leucoplast): भोजन भंडारण में सहायक होता है।
8. लाइसोसोम (Lysosome)
- इसे “कोशिका का आत्मघाती थैला” (Suicidal Bag) कहा जाता है।
- यह हाइड्रोलाइटिक एंजाइम्स से युक्त होता है, जो अपशिष्ट पदार्थों को नष्ट करता है।
9. पेरॉक्सिसोम (Peroxisome)
- यह कोशिका में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड (H₂O₂) का अपघटन करता है।
- यह वसा अम्ल (Fatty Acids) के ऑक्सीकरण में सहायक होता है।
कोशिका केंद्रक (Nucleus) एवं गुणसूत्र संगठन (Chromosome Organization)
1. केंद्रक की संरचना (Organization of Nucleus)
- न्यूक्लियर झिल्ली (Nuclear Envelope): द्वि-स्तरीय झिल्ली जो केंद्रक को सुरक्षित रखती है।
- न्यूक्लियोप्लाज्म (Nucleoplasm): द्रव्य जिसमें गुणसूत्र (Chromosome) और न्यूक्लियोलस (Nucleolus) स्थित होते हैं।
- न्यूक्लियोलस (Nucleolus): राइबोसोम RNA (rRNA) संश्लेषण में सहायक होता है।
2. गुणसूत्रीय संगठन (Chromosomal Organization)
- गुणसूत्रीय नामकरण (Chromosomal Nomenclature): इसमें गुणसूत्र के विभिन्न भाग शामिल होते हैं:
· क्रोमैटिड्स (Chromatids)
· सेंट्रोमियर (Centromere)
· टेलोमियर (Telomere)
· सैटेलाइट (Satellite)
· सेकेंडरी संकुचन (Secondary Constriction)
- गुणसूत्रों का संगठन (Chromatin Organization)
DNA और हिस्टोन प्रोटीन मिलकर गुणसूत्र का निर्माण करते हैं।
गुणसूत्रों को दो विशेष प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
लैम्पब्रश गुणसूत्र (Lampbrush Chromosome)
पॉलीटीन गुणसूत्र (Polytene Chromosome)
कोशिका विभाजन (Cell Division)
- कोशिका विभाजन दो प्रकार के होते हैं:
माइटोसिस (Mitosis) – समसूत्री विभाजन, जिसमें एक कोशिका से दो समान संतान कोशिकाएँ बनती हैं।
मियोज़िस (Meiosis) – अर्धसूत्री विभाजन, जिसमें गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है।
गुणसूत्रीय संख्या में परिवर्तन (Chromosomal Aberrations)
संख्यात्मक असामान्यता (Numerical Aberrations)
- एनीयूप्लोइडी (Aneuploidy) – गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन (जैसे ट्राइसोमी, मोनोसोमी)।
- यूप्लोइडी (Euploidy) – संपूर्ण गुणसूत्रों का गुणन संख्या में परिवर्तन (जैसे ट्रिप्लॉइडी, टेट्राप्लॉइडी)।
संरचनात्मक असामान्यता (Structural Aberrations)
- हटाव (Deletion)
- अनुकृति (Duplication)
- उलटाव (Inversion)
- स्थानांतरण (Translocation)
निष्कर्ष
इस अध्ययन से कोशिका संरचना, गुणसूत्रीय संगठन और कोशिका विभाजन की प्रक्रियाओं को समझ सकते हैं। साथ ही, आनुवंशिकता एवं उत्परिवर्तन से संबंधित सिद्धांतों को भी समझना संभव होता है, जो आर्थिक वनस्पति एवं औषधीय पौधों के आनुवंशिक सुधार में सहायक हो सकता है।